Friday, June 10

** अलविदा हल्दिया **





(ये टूटे फूटे लफ्ज़ पिछले तीन महीनो का चिटठा है ....मेरी ज़िन्दगी के सबसे खुबसूरत तीन महीनो का ,आखिर अपने सपने को जीया है मैंने इन  तीन महीनो मे.....)

 
ज्यादा पुरानी बात नही है ये पर 
फिर भी सब कितना बदला बदला लगता है 
कुछ याद करने पर याद आते है वो पल 
जब कुछ सहमा सा ,कुछ खुश सा 
और बहुत सारे अनसमझे अनकहे भावो के साथ 
मै HELL-DIA आया था 

एक शुक्रिया FACEBOOK का जिस वजह से 
हम बिना मिले दोस्त बन गए 
एक ऐसे डोर बंधी की 
जब मिले तो लगा ...कितनी मुद्दत से तुमे जानते है 
न AUTO था न रिक्शा था 
भेनी पर वो पहली सवारी थी 
हाँ  हल्दिया मे पहला दिन था वो 


दिन गुजरे वक्त गुजरा और 
धीरे धीरे हर बार की तरह इस बार भी 
इस जगह की आदत हो गयी 
वो WEEK-END की प्लानिंग
और फिर परिंदो की तरह कभी पुरी
कभी दीघा तो कभी कोलकाता निकल जाना 
वो समुन्दर के पानी मे खुद भीगना 
और तुम सबको  भिगोना 
सबकी आदत सी हो गयी 


Aunty की  MAGGIE और आलू-दम हो 
या HM,CLASSIC और HARBOUR  की महफिले 
सब जैसे बस सा गया हो मुझमे कही
जब भी सांस लेता हूँ उस सबकी  खुसबू आती है

8 बजे की बस और इन कपड़ो की 
सबकी बस आदत हो गयी 

हर बार की तरह इस बार भी बिछड़ना तय है 
पर मरने के डर से 
कोई जीना तो नही छोड़ देता 
सिर्फ साथ छुटने के डर से 
कोई साथ नही छोड़ देता 

कल के वादे करने से डर लगता है 
डर लगता है अगर पूरे न हुए 
तो अफसोश होगा ...तुमे भी और मुझे भी 

 पर कुछ कहना है तुम सबसे 
कुछ ऐसा नही जो तुमने सुना न हो 
पर कुछ ऐसा जो तुम रोज़ सुनते हो 

"तुम सब याद बहुत आओगे 
शायद रुला भी दोगे 
जब खयालो मे आओगे 
हाँ तुम याद बहुत आओगे "
                         ---प्रियदर्शी 




7 comments:

Mohini Puranik said...

That's so sweet!

Anonymous said...

awwwwwwww.....darling.....its d most special thing i ever recieved....love u 4 dis..... :) i hv so much to say n its better if i actually SAY !! -Ashi *CHING*

Unknown said...

love it bro, jst every1 alwz keep a ':)' on dere face,wid dat wish i wd say a sweet goodbye to my lovely HALDIA mates..................

"uljhanien to bahut hai zindagi me,
do pal dil se muskura lo,
phir naa aayenge ye training ke pal,
inn palon ko jee bhar ke jee lo"

kashish said...

yahan mile humein kuchh aise dost ....jinhein hum kabhi naa bhula payenge.....

humari zindagi ka 1 ahem hissa ban k ye reh jayenge
!
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kabhi yaad aaye humaari to 1 baar aankein band kar k dekhna.....aap k aas paas hi nazar aayenge..
!
!
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Tum chahe humein bhool jao par hum tumhe kabhi naa bhool payenge.....
reh reh kar tumhare khayalon mein aayenge ,,aur apni ahmiyat yaad dilayenge...

Geeta Singh said...

thats so nice :)

PUNEET {PMK} said...

wah dear....kya baat hi

max said...

wao darshi just wao!!!!

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