(बहुत समय के बाद कुछ लिखा है .. इस बार भी मानवीय भावो को करीब से टटोलने की कोशिश है ...)
रिश्तो से उम्मीदें ..हमेशा दर्द का सबब होती है ,
पर तुमसे कुछ उम्मीदे भी थी .
कुछ गिले भी थे हमे तुमसे ...
पर ..
अपनो से भी कोई सिकवे करता है क्या ?..
वैसे भी
जरा संभल के जिरह कीजिये यहाँ ,
इश्क के मुक़दमे में
बेगुनाहो की सुनता कौन है तुम कहती हो practical बनो,
पर दर्द अगर दिल मे हो तो
इन ओंठो को मुस्कुराना नही आता
शायद आज भी मुझे practical लाइफ जीना नही आता
मुझे दिल की बातो मे दिमाग की मिलावट करना नही आता
आता है तो बस तेरी खुशी के लिए अपनी खुशी भूल जाना
एक तुझे जिताने के लिए ,हर बाजी हार जाना
मुझे पता है तुम कहोगी "बिलकुल पागल हो तुम"
पर सच बोल़ू तो काश मै कह पाता तुमसे कि
"ऐसी समझदारी मे भी रखा क्या है "
जो मुस्कराने से पहले वजह खोजती है
"कल" के डर से "आज" जीने से रोकती है
पर कुछ कह न सकूँगा तुमसे
शायद इस बार रोक भी न सकूँगा तुमे
क्योकि
किस्से कहानियो मे ही तकदीर से लड़ते है लोग
असल ज़िन्दगी मे तो ये मुमकिन भी नही है.
सच कहा है कहने वालो ने
कुछ तकदीरे सिर्फ आंसू लिखा के लाती है
कुछ मोहब्बतें बस अधूरी रह जाती है ..........................................
---प्रियदर्शी
19-MAY-2011
11 comments:
Very touching, I am in something similar mood, so nothing left to say! :(
hmmm, bhai cd understand d feeeling, pretty much d same is true for every1.......
jst keep spilling ur emotions buddy, let dem out.........
wont say all will b f9, jst u wd feel better :)
oh v sad :( dukhi rah kar kuch hal nai niklega khush ho kar bade chalo..kaam safal honge ....mohinee u 2 sunlo mera sher:D
yeah mohi... ":(" it doesn't suit u ...try to replace it with ":)"
Well said.....Nicely posted and narrated the....Very touchy lines
very nicely depicted "kuch baatein"....gr81 sirg..!!
gr8 fan of ur writing...
please keep writing more....
may god bless...
:) :) :)
dada ishq k mukadme me ham to vaqalat krte hai bus................
aisi samajhdaari mein bhi kya rakha hai,
jo muskurane se pehle wajah khojti hai............
very well written sirjee....
Priyadarshi ,
Poetry aur Samajhdaari ka 36 ka aankda hai.
Waise bhi Practical Poets bahut Jhel hote hain.
YOON HI ZAKHM DIKHAATE CHALO AUR BESABAB MUSKARATE CHALO !
very nice poetry ... even i write some of them
check my blog
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