Friday, August 6

जरा मुस्कराइए ...क्योकि आप लखनऊ मै हैं





पिछले कुछ महीनो मे मसरूफियत कुछ यूँ बढ़ी की कुछ लिखने का वक़्त ही नही मिल पाया...क्या करे भाई रोजी रोटी के जुगाड़ मे लगे हुए थे .इंजीनियरिंग की डिग्री ...वो भी UPTU  के प्राइवेट कॉलेज से ...आप की मुश्किले बढ़ा देता है ...खैर मरता क्या नही करता वाली कहावत को सही करते हुए एक छोटी से नौकरी लेकर हम तहज़ीब और नफाज़त के शहर लखनऊ आ गए . इस जगह से मेरा बहुत पुराना याराना है ....जिन सपनो के सायो मे इंजीनियरिंग की शुरुआत की थी ...उनको दफ़न करने के लिए इससे बेहतर शहर नही हो सकता. ये पोस्ट कतई मैंने अपना दुखड़ा सुनाने के लिए नही लिखी इसलिए ये सब छोडिये ...आयी आपको लखनऊ की सैर कराते है ...

आप लखनऊ आये और वो भी सावन के महीने मे ,इससे बड़ी बदकिस्मती नही हो सकती . वैसे तो ये सब मानाने की कोई जरुरत नही होती ..और अगर आपने ४ साल इंजीनियरिंग करते हुए हॉस्टल मे बिताये  हो तो आप काफी flexible हो जाते है पर अब कौन भोले बाबा से पंगा ले ...वैसे भी लगी पड़ी है कुछ और ज्यादा लगी तो तो हो गया बेडा पार...खैर कोई नही "जरा मुस्कराइए ...क्योकि आप लखनऊ मै हैं "

लखनऊ पहुच कर कतई उम्मीद नही थी  की सर को छुपाने के लिए जगह दूंदने मे दिक्कत होगी . "चाचा" लाडो सराए मे कमरा दूंदना आसन है इस टाइम लखनऊ मे नही ...सब जगह बस महिंद्रा ही महिंद्रा दिखता है .भगवान् भला करे मेरे दोस्त का कि उसने लखनऊ जल्द छोड़ दिया और मैंने उसके कमरे पर कब्ज़ा कर लिया नही तो सड़क किनारेpolythene लगनी पड़ती ....खैर कोई नही अंत भला तो सब भला ..."जरा मुस्कराइए ...क्योकि आप लखनऊ मै हैं 

किसी शहर की तरक्की देखनी हो तो आप उस शहर की लड़कियों के कपड़ो की लम्बाई देखिये...आप समझ  गए न ... खैर धीरे धीरे सही पर ४ साल मे लखनऊ ने काफी तरक्की की है ...आँख के सक्कून के लिए बस go ganjing ...अब तो "जरा मुस्कराइए ...क्योकि आप लखनऊ मै हैं 


बस दोस्तों के बिना इस शेअर क्या दुनिया के किस्सी कोने मे मुस्कराने का मन नही करता ...कितना भी मुस्कराइए रंज तो रहता ही है ...anna के बिना maggi का कोई अस्तित्व ही नही है ...लाला न हो तो बकयती कैसी ..मनीष और योगी के बिना शाम कैसे कटे ...चाचा के कमेन्ट ...विन्धेश का वो description ....और न जाने क्या क्या ...सब याद आता है ....जरा कम मुस्कर्रैये क्योकि आप लखनऊ मे दोस्तों के बिना है


miss u zeharilon this post is for u . 

7 comments:

E-Guru _Rajeev_Nandan_Dwivedi said...

हम तो मुस्कुरा ही रहे हैं. ये रहा प्रमाण. :-)

संगीता पुरी said...

इस सुंदर से नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

Coral said...

पोस्ट दिलचस्प है ... हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

अजय कुमार said...

हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

Unknown said...

wah PD baba ...kya likhte hoo...vo bhi jahreele anddaj mai ...wah ..wahh....keep it up .... jahreele commei ke sartaj...app ki jay ho...

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

बेहतरीन पोस्ट-ब्लाग जगत में आपका स्वागत है।

आपकी पोस्ट ब्लाग4वार्ता पर,यहां क्लिक करे।

Unknown said...

bawaa huyi gawa babu

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