Sunday, January 10

यादे....





("यादे" एक कोशिस है अपने आस पास की दुनिया के हालातो को लफ्जो से रंगने की )

महफिले तो सजती रहती है मैखानो में
बस कुछ चेहरे और पैमाने बदल जाते हैं
जीने की बात तो सब करते है दोस्तों
पर कितने है यहाँ जो ज़िन्दगी जीए जाते है

कुछ की ख्वाय्शे दफ़न है अपने फ़र्ज़ की कब्र पर
और कुछ को तो एहसास ही नही अपनी मौत का
यही कुछ पल अपने साथ है दोस्तों
आओ मिलकर यादो के पैमाने भर ले

फिर तुम अपनी राह चल देना
हम भी अपनी राह चले जायेंगे
आओ इस शाम को जी भर के जी ले
सुना है ज़िन्दगी कर मोड़ पर
अक्सर कुछ हमसफ़र छूट जाते है
---प्रियदर्शी

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