(एक कशमकस सी रहती है हमेशा की मे कौन हूँ ,मे किसलिए हूँ और ना जाने क्या क्या ....इसी कशमकस को लफ्जो मे बाँधने की कोशिस है "पहचान " )
शाम का बूझता दिया हूँ मैं
या बारिश के पानी से उमड़ी नदिया हूँ मैं
हूँ मै कालिख किसी के चेहरे की
या किसी के माथे का चन्दन हूँ मैं
कोई तो मुझे इतना बताएं
की आखिर कौन हूँ मैं ?
कब से ढूँढ रहा मै अपना अस्तित्व
कभी लगता है पूरण कभी रिक्त रिक्त
भावनओं के भवर मे घूमता पत्ता हूँ मै
या हवा मे उड़ता रूई का फाहा हूँ मै
आखिर कौन हूँ मै?
क्या संसार की सारी खुशिया लक्ष्य है मेरा
क्या मात्र इतना सा हैं जन्म का प्रयोजन मेरा
समय के चक्र मे घूमता मानव हूँ मै
या स्थिर हिमालय सा दानव हूँ मै
आखिर कौन हूँ मै?
माँ कहती है मेरी आँखों का तारा है तू
पापा बोले मेरे बुढापे का सहारा है तू
बहना बोले मुझे सबसे प्यारा है तू
आखिर किस नदी का किनारा हूँ मै
आखिर कौन हूँ मै?
अपने ही प्रश्नों का उत्तर हूँ मै
या हमेशा की तरह निररुतर हूँ मै
मुझे तो लगता है बस मानव हूँ मै
हां बस मानव ही तो हूँ मै
मानव हूँ मै?
---प्रियदर्शी
या बारिश के पानी से उमड़ी नदिया हूँ मैं
हूँ मै कालिख किसी के चेहरे की
या किसी के माथे का चन्दन हूँ मैं
कोई तो मुझे इतना बताएं
की आखिर कौन हूँ मैं ?
कब से ढूँढ रहा मै अपना अस्तित्व
कभी लगता है पूरण कभी रिक्त रिक्त
भावनओं के भवर मे घूमता पत्ता हूँ मै
या हवा मे उड़ता रूई का फाहा हूँ मै
आखिर कौन हूँ मै?
क्या संसार की सारी खुशिया लक्ष्य है मेरा
क्या मात्र इतना सा हैं जन्म का प्रयोजन मेरा
समय के चक्र मे घूमता मानव हूँ मै
या स्थिर हिमालय सा दानव हूँ मै
आखिर कौन हूँ मै?
माँ कहती है मेरी आँखों का तारा है तू
पापा बोले मेरे बुढापे का सहारा है तू
बहना बोले मुझे सबसे प्यारा है तू
आखिर किस नदी का किनारा हूँ मै
आखिर कौन हूँ मै?
अपने ही प्रश्नों का उत्तर हूँ मै
या हमेशा की तरह निररुतर हूँ मै
मुझे तो लगता है बस मानव हूँ मै
हां बस मानव ही तो हूँ मै
मानव हूँ मै?
---प्रियदर्शी
3 comments:
pd dost....that was the best poem of urs ever and it remain always close to ma heart.....
miss u always dude....hope we will meet soon
Ati sundar! Priyadarshiji! Hriday ki manoram abhivyakti! Hridayko chu gayi......yahi punah punah kahungi!
@mohini thnks for appreciation
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